Your cart is currently empty!
Description
औरत कभी फूल है कभी शबनम है तो कभी अवतार है वीरता का भी। सकटों से पार जा कर रूप बदल कर सारी मुसीबतों को सहने की कला है औरत के पास और माँ बन कर यही औरत इस सृष्टि की सृजक बन जाती है। मर्दानी बन कर सभी मौर्चों पर लड़ती है। ऐसी ही एक मर्दानी की कहानी है कमलेश गोयत द्वारा लिखित शानदार उपन्यास मर्दानी माँ
Additional information
Weight | 0.3 kg |
---|---|
Dimensions | 14 × 10 × 1 cm |
Book Type | Paper Back, e-book |
Be the first to review “Mardaani Maa” Cancel reply
Reviews
There are no reviews yet.